घर के मंदिर में जल का पात्र रखने के लाभ और नियम
हर घर में पूजा-पाठ का महत्व होता है और इसे सही तरीके से करना जरूरी माना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूजा घर में जल का पात्र रखना क्यों जरूरी होता है? यह केवल एक धार्मिक नियम भर नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे वास्तु और आध्यात्मिक कारण छिपे होते हैं। आइए जानते हैं पूजा घर में जल का पात्र रखने के नियम, उसका महत्व और उसके फायदे।
पूजा घर में जल का महत्व
हमारे घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए पूजा का अहम योगदान होता है। पूजा घर में पंच तत्वों की स्थापना होती है, जिसमें जल भी एक मुख्य तत्व है। जिस प्रकार हम अग्नि का महत्व जानते हैं, उसी प्रकार जल भी हमारे वास्तु और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
जल की उपस्थिति से घर में संतुलन बनता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। जिस प्रकार हम दीप प्रज्वलित करते हैं, उसी प्रकार जल को भी उचित स्थान मिलना चाहिए।
पूजा घर में जल रखने के धार्मिक कारण
- पवित्रता का प्रतीक: पूजा की शुरुआत से पहले विग्रहों को जल से स्नान कराया जाता है, जिससे भगवान की मूर्ति शुद्ध हो जाती है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद पवित्र माना जाता है।
- वरुण देव की स्थापना: जल को वरुण देव का प्रतीक माना जाता है, और इसे पूजा घर में रखने से वरुण देव की कृपा बनी रहती है।
- आरती का महत्त्व: आरती के बाद थाली पर पानी छिड़ककर उसे ठंडा किया जाता है। यह भी एक कारण है कि पूजा घर में जल रखा जाता है।
- आचमन: पूजा के दौरान आचमन करने के लिए भी जल रखा जाता है, जिसे धार्मिक दृष्टि से शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना गया है।
पूजा घर में जल रखने के नियम
- दिशा का ध्यान: वास्तु के अनुसार पूजा घर उत्तर या ईशान दिशा में हो तो जल का पात्र सीधे हाथ की ओर रखें।
- धातु का चयन: जल को तांबे या पीतल के लोटे में रखें। तांबा सबसे उत्तम माना जाता है।
- साफ-सफाई: जल के पात्र को रोज धोकर साफ करना चाहिए और उसमें नया पानी भरना चाहिए। इससे जल सदैव शुद्ध रहता है।
- तुलसी के पत्ते: पानी में तुलसी के पत्ते डालने से जल पवित्र हो जाता है। तुलसी जल को विशिष्टता और ऊर्जा प्रदान करती है।
- पानी का छिड़काव: पूजा के बाद बचे हुए जल को पूरे घर में छिड़क दें या पेड़-पौधों में डाल दें। इसे बेहद शुभ माना जाता है।
जल का पात्र रखने के फायदे
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: घर के मंदिर में जल भरकर रखने से नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- शांति एवं समृद्धि: जल से घर में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है। जल का संतुलन घर के वातावरण को शांतिपूर्ण बनाता है।
- स्वास्थ्य लाभ: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जल स्थापना से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। घर में लोग रोगों से मुक्ति पाते हैं।
- मानसिक शांति: जल का पात्र रखने से मानसिक विकार दूर होते हैं और मन मजबूत एवं शुद्ध होता है।
- वास्तु दोष का निवारण: जल स्थल पर रखने से घर का वास्तु भी ठीक होता है, जिससे पारिवारिक सदस्यों की प्रगति में रुकावट नहीं आती है।
- बुरी शक्तियों से रक्षा: मान्यता है कि अगर मंदिर में जल का पात्र रखा जाए तो घर पर बुरी शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता और नजर दोष से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
पूजा घर में जल का पात्र रखने के पीछे न केवल धार्मिक बल्कि वास्तु और आध्यात्मिक महत्व भी है। यह एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय है जिससे घर में सकारात्मकता, शांति, और समृद्धि का वास होता है। यही नहीं, यह जल घर के स्वास्थ्य और उन्नति के लिए भी लाभकारी होता है। यदि अभी तक आपने अपने घर के मंदिर में जल का पात्र नहीं रखा है, तो अब समय है कि इसे शामिल करें और इसके लाभों का अनुभव करें।